पासवर्ड केवल बाहरी लोगों को आपके फोन में प्रवेश पर रोक लगाता है, लेकिन अगर आपने एप्स को मैसेज पढ़ने, फोटो-विडियो देखने की अनुमति दे दी है, या जासूसी जैसे सॉफ्टवेयर आपके फोन में हैं तो किसी पासवर्ड का कोई अर्थ नहीं।
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फोन की हैकिंग रोकने के लिए मजबूत पासवर्ड रखने की सलाह दी जाती है। पासवर्ड को मजबूत बनाने के लिए साइबर विशेषज्ञ हमें पासवर्ड में अंक, कैपिटल-स्माल लेटर और स्पेशल कैरेक्टर डालने के साथ-साथ इसे समय-समय पर बदलते रहने की सलाह देते हैं। लेकिन ये सारे उपाय आपके फोन की जासूसी रोकने में उस समय फेल हो जाते हैं जब आप अपने फोन में कोई एप डाउनलोड कर उसे मैसेज पढ़ने, फोटो-विडियो एक्सेस करने, कैमरा, माइक और लोकेशन शेयर करने की अनुमति दे देते हैं।
यानी अगर आप एप्स को इन चीजों के इस्तेमाल की अनुमति दे देते हैं तो आपका पासवर्ड कितना भी मजबूत हो, आपके फोन की जासूसी की जा सकती है।
साइबर विशेषज्ञ मयंक जायसवाल ने अमर उजाला को बताया कि साइबर अपराधी आपके फोन का पासवर्ड तोड़कर आपके मैसेज पढ़ने, फोटो-विडियो देखने-चुराने, माइक-कैमरे का अनुचित उपयोग कर आपको नुकसान पहुंचाने का काम करता है। लेकिन जब आप किसी एप को इन कामों के लिए पहले ही अनुमति दे देते हैं तब आपके किसी भी पासवर्ड का उसके लिए कोई अर्थ नहीं रह जाता। वह आपकी अनुमति से ही आपके फोन की सारी गोपनीय जानकारियों तक पहुंच जाता है। उसे फोन का पासवर्ड तोड़ने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
इसी प्रकार, अगर आपके स्मार्ट फोन में पेगासस या इस तरह का कोई अन्य जासूसी सॉफ्टवेयर पहले से है, तब वह आपके हर बटन को दबाने तक की गतिविधि पर नजर रखता है। ऐसे में जब आप पासवर्ड के बटन भी दबाते हैं, तब वह इसे भी पढ़ लेता है और इस प्रकार उसे पासवर्ड तोड़ने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती। ऐसी जासूसी कर आपके ही स्मार्टफोन का उपयोग कर कोई अपराधी आपकी सारी जानकारी चुरा सकता है, वह आपको सामाजिक तौर पर नुकसान पहुंचा सकता है और पलक झपकते आपके बैंक खाते से आपकी पूरी रकम चुटकियों में गायब कर सकता है।
क्या है बचाव का उपाय
कोरोना काल में हर तरह के काम में ऑनलाइन का चलन बढ़ा है। लेकिन इसी के साथ साइबर हमलों में भी तेज वृद्धि हुई है। ऐसे में फोन को सुरक्षित रख पाना बड़ी चुनौती बन गई है। विशेषज्ञों की सलाह है कि आप बिना आवश्यकता के कोई एप अपने फोन में डाउनलोड न करें। जिन एप की आवश्यकता न हो, उन्हें फोन से हटा दें।
मजबूत पासवर्ड रखें जिससे सामान्य जासूसी खतरों, ऑनलाइन फ्रॉड से बच सकें। जब तक आपको पूरी तरह ये विश्वास न हो कि कोई लिंक आपकी कंपनी या आपके विश्वस्त स्रोत से आई है, उसे खोलने से बचें। ऑनलाइन गतिविधि के आधार पर समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहें। एक ही पासवर्ड कई जगहों पर इस्तेमाल न करें।
इंग्लैंड के नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर ने अपने नागरिकों को सुरक्षा उपाय का एक नया तरीका बताया है। इसके अनुसार अपने पासवर्ड को मजबूत रखने के लिए इसे बहुत अधिक जटिल बनाने की आवश्यकता नहीं है। इसकी बजाय तीन अलग-अलग शब्दों का संयोजन सुरक्षा के लिहाज ज्यादा बेहतर व प्रभावी साबित हो सकता है।